FIR और NCR में क्या अंतर होता है? | FIR or NCR me kya antar hota hai?

हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं FIR और NCR में क्या अंतर होता है?

FIR क्या है?

  • एफ आई आर यानी फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट होती है दंड प्रक्रिया संहिता CRPC 1973 किस सेक्शन 154 में FIR का जिक्र है
  • FIR को हिन्दी में प्रथम सूचना रिपोर्ट कहते हैं
  • भारत के किसी भी कोने में हुए अपराध को पहले पुलिस में रिपोर्ट करने की व्यवस्था की गई है
  • जिसके बाद ही कोई कार्यवाही होती है
  • FIR की रिपोर्ट तत्काल मजिस्ट्रेट के पास भेजी जाती है
  • CRPC की धारा 157 (1) मैहर की पुलिस द्वारा मामला दर्ज पर फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट संबंधित मैजेस्टिक तक जल्द से जल्द भेज देनी चाहिए

NCR क्या है?

  • इसे गैर संज्ञेय अपराध सूचना कहा जाता है असंज्ञेय अपराध मैं किसी के साथ हुए मामूली झगड़े गाली गलौच,
  • किसी डॉक्यूमेंट के खो जाने की शिकायत होती है
  • शांति भंग करने के मामले भी इस गैर असंज्ञेय अपराध में आते है
  • इस प्रकार के अपराध होने पर पीड़ित व्यक्ति पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने पर ऐसे मामला को f.i.r. में दर्ज नहीं करके एनसीआर में दर्ज किया जाता है!
  • किसी के साथ मामूली झगड़े का शांति भंग करने के मामले की जानकारी पुलिस को मिल जाए उसे आरोपी को चेतावनी भी मिल जाए यानी पुलिस के संज्ञान में आ जाए!
  • ऐसे मामलों में अगर आरोपी दोबरा उसी तरह से मारपीट या लड़ाई  करते हैं तो पुलिस NCR में दर्ज़ न करके f.i.r. में दर्ज कर जेल में भेज देती है!

FIR और NCR में क्या अंतर है?

  • FIR को कोर्ट में पेश किया जाता है जबकि NCR सिर्फ और सिर्फ पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड तक ही सीमित रखा जाता है
  • पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज कराने के बाद उन्हें तमाम कानूनी शक्तियां मिल जाती है
  • जिससे पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है जबकि एनसीआर दर्ज कराने के बाद पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है!

 निष्कर्ष –

  • दोस्तों उम्मीद करता हूं आज के इस आर्टिकल में आपको NCR और FIR के बारे में काफी कुछ जानने को मिला होगा!

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