प्रस्तावना :
- भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु है। वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रावण तथा भादो मास में मुख्य रूप से होती है।
- जून माह से शुरू होने वाली वर्षा ऋतु हमें अप्रैल और मई की भीषण गर्मी से राहत दिलाती है।
- यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण हैं।
बारिश कैसे आती है :
- ‘हवाएं हमेशा उच्च वायुदाब से कम वायुदाब वाले इलाके की ओर चलती हैं।’ अब बात फिर शुरू करते हैं।
- गर्मी के दिनों में भारत के उत्तरी मैदान और प्रायद्वीप पठार भीषण गर्मी से तपते हैं और यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इसके उलट दक्षिण में हिन्द महासागर ठंडा रहता है।
- ऐसी भीषण गर्मी के कारण ही महासागर से नमी लेकर हवाएं भारत के दक्षिणी तट से देश में प्रवेश में करती हैं।
- जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वी समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है।
- हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं।
- दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।
वर्षा का महत्व :
- वर्षा का मानव जीवन में बेहद ही महत्व है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है।
- वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है।
- इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
- इस मौसम में छोटे-छोटे जीव-जंतु जो गर्मी के मारे जमीन के नीचे छिप जाते हैं, बाहर निकल जाते हैं।
- मेंढ़क की टर्र-टर्र की आवाज सुनाई पड़ने लगती है।
- आकाश में प्राय: बादल छाए रहते हैं।
- वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं।
- गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं।
- वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं।
उपसंहार :
- मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है।
- अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें।
- हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े