प्रस्तावना :
- समय को सफलता की चाबी कहा गया है। समय का पहिया निरंतर अपनी गति से चलता रहता है उसे कोई रोक नहीं सकता।
- जो समय के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है वही कामयाब हो रहा है
- जो व्यक्ति समय को अनदेखा कर आलसी बना बैठा है वो जीवन में पिछड़ रहा है और बाद में उसके हाथ पछताने के अलावा कुछ नहीं आने वाला।
- समय कोई सोना-चाँदी जैसा धन नहीं है जिसे हम संभालकर रख सकें, समय तो गतिमान है।
- जिस प्रकार समुद्र की लहरें लगातार बहतीं रहतीं हैं
- उसी प्रकार समय भी लगातार बहता रहता है, ना तो हम उसे रोक सकते हैं और ना ही बांधकर रख सकते हैं।
समय का महत्व हम प्रकृति से समझ सकते हैं।
- सूर्य समयानुसार उगता है और अस्त होता है।
- मौसम समय पर बदलते हैं। वर्षा समय पर होती है।
- जरा विचार कीजिये यदि प्रकृति भी हमारी तरह समय का पालन ना करे तो क्या होगा।
- बस इसी प्रकार जब व्यक्ति समय का सदुपयोग नहीं करता तो समय भी उसे जीवन के हर मोड़ पर पीछे छोड़ देता है।
- समय सफलता के उच्च शिखर पर चढ़ने की सीढ़ी के समान है, जो इस सीढ़ी पर निरंतर चढ़ता रहता है वही उस शिखर तक पहुँच सकता है।
- जीवन का एक-एक सेकंड हमारा कीमती है। ईश्वर ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है,
- सभी को एक दिन के चोबिस घंटे दिये हैं। अब ये हम पर निर्भर करता है की इन चोबिस घंटों का हमें क्या करना है,
- बैठे रहना है या परिश्रम करना है।
- परिश्रम भी यदि सही समय पर ना किया जाए तो वह परिश्रम भी व्यर्थ है।
- हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण अपार संभावनाएं लेकर आता है।
उपसनहार :
- जीवन में होश संभालते ही हमें समय का सदुपयोग करना शुरू कर देना चाहिए
- किसी भी कार्य को कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। आलस हमारा सबसे बड़ा शत्रु है
- हम ज़्यादातर समय आलस के कारण ही व्यर्थ करते हैं।
- लगातार कार्य करने वाला व्यक्ति कभी आलस नहीं कर सकता।
- समय हमारा सबसे अमूल्य धन है और इसका सदुपयोग करने वाला ही सुख, वैभव, कामयाबी प्राप्त करता है।