प्रस्तावन :
- मानव जीवन नदी की धारा के समान होता है।
- जिस तरह से नदी की धारा ऊँची नीची भूमि को पार करती हुई लगातार आगे बढती है उसी प्रकार जीवन की धारा सुख-दुःख रूपी जीवन के अनेक संघर्षों को सहते-भोगते आगे बढती रहती है।
- जीवन का उद्देश्य लगातार आगे बढना होता है इसी में सुख है, आनंद है।
समय एक अमूल्य वस्तु :
- समय एक अमूल्य वस्तु के साथ-साथ अमूल्य धन भी होता है। समय की कीमत धन से बहुत अधिक होती है
- इसीलिए समय अमूल्य होता है।
- धन आज है कल नष्ट हो जाएगा परसों वापस आ जाएगा लेकिन एक बार समय अतीत की गर्त में समा जाता है तो वह चाहकर भी वापस नहीं आता है।
छात्रवास में समय का महत्व :
- समय का बहुत अधिक महत्व होता है।
- किसान अपने खेत में अलग-अलग ऋतुओं में अलग-अलग प्रकार की फसल उगाता है।
- अगर बीज बोने का निश्चित समय किसी प्रकार से बीत जाता है तो वह फसल पैदा नहीं हो सकती है।
- ठीक यही दशा छात्रों के जीवन की भी होती है।
- विद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब मनुष्य सारे जीवन भर के लिए तैयार होता है।
- इसीलिए इस अवस्था में उसे समय के महत्व को जानना औछात्रवास र उसका उपयोग करना उसके लिए बहुत आवश्यक होता है।
- छात्र की जीवन रूपी भवन की नींव भी इसी समय पर बनती है।
- जिस तरह से एक बहुत बड़ी पुस्तक को लिखने के लिए एक-एक अक्षर लिखना पड़ता है और तब एक पुस्तक लिखी जाती है
- इसी तरह विद्यार्थियों को एक-एक सैकेंड का उपयोग करके इतनी बड़ी किताबों को पढना पड़ता है
- केवल तभी वह उसके ज्ञान को प्राप्त कर सकता है।
उपसनहार :
- अगर हम समय के महत्व को समझकर समय का सदुपयोग करते हैं तो सफलता हमसे कभी भी दूर नहीं होती है।
- हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने बचे हुए समय का सदुपयोग करें
- अपने राष्ट्र के भविष्य को उन्नति की ओर ले जाएँ।
- हमे हमेशा अपने काम को निश्चित रूप से समय पर ही पूरा करना चाहिए।